गांधी परिवार पर ईडी की कार्रवाई के खिलाफ प्रदर्शन

दिल्ली प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष समेत कई हिरासत में

गांधी परिवार पर ईडी की कार्रवाई के खिलाफ प्रदर्शन

  • कार्यकर्ताओं और सुरक्षा बलों के बीच मामूली झड़पें भी हुई
  • ईडी की कार्रवाई के बाद खरगे ने केंद्र सरकार को बनाया निशाना

नई दिल्ली। देश की राजधानी दिल्ली में बुधवार को उस समय तनाव बढ़ गया जब कांग्रेस के कार्यकर्ता बड़ी संख्या में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) कार्यालय जाकर विरोध प्रदर्शन करने के लिए कांग्रेस मुख्यालय के बाहर सड़कों पर उतर आए। ये प्रदर्शनकारी नेशनल हेराल्ड मामले में ईडी की चार्जशीट को बोगस बताते हुए विरोध जता रहे थे। पुलिस के साथ इनकी झड़प हुई, जिसके बाद पुलिस ने पार्टी के दिल्ली प्रदेश अध्यक्ष देवेन्द्र यादव समेत बड़ी संख्या में प्रदर्शनकारियों को हिरासत में ले लिया। 24 अकबर रोड स्थित दिल्ली कांग्रेस मुख्यालय के बाहर इकट्ठा होकर प्रदर्शन कर रहे पार्टी कार्यकर्ता वहां से ईडी कार्यालय जाना चाहते थे लेकिन पुलिस ने उन्हें आगे बढ़ने से रोक दिया।

सोनिया गांधी और राहुल गांधी के खिलाफ चल रही ईडी कार्रवाई से भड़के इस विरोध प्रदर्शन में कार्यकर्ताओं और सुरक्षा बलों के बीच मामूली झड़पें हुईं। कांग्रेस नेताओं ने आरोप लगाया कि केंद्र की मोदी सरकार विपक्ष की आवाज को निशाना बनाने के लिए केंद्रीय एजेंसियों का दुरुपयोग कर रही है। प्रदर्शनकारियों ने आरोप लगाया कि नेशनल हेराल्ड मामले में भाजपा जिस राजनीतिक प्रतिशोध की भावना से काम कर रही है, उसे जनता स्वीकार नहीं करेगी। ये पूरी तरह से फर्जी मामला है, जिसके दम पर विपक्ष को डराने का प्रयास किया जा रहा है, लेकिन जब कांग्रेस अंग्रेजी हुकूमत से नहीं डरी तो भाजपा से क्या डरना, कांग्रेस न डरेगी-न झुकेगी।

कांग्रेस अल्पसंख्यक विभाग के चेयरमैन एवं सांसद इमरान प्रतापगढ़ी ने कहा कि अदालत में जिस एजेंसी के तहत नेशनल हेराल्ड का मामला पहुंचाया गया है, उसकी मंशा सिर्फ विपक्ष को प्रताड़ित करने की है।
 कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने आज यहां भाजपा की अगुवाई वाली केंद्र सरकार की तीखी आलोचना की। उन्होंने आरोप लगाया कि सरकार विफलताओं को छिपाने के लिए कांग्रेस को निशाना बना रही है। यह आरोप प्रवर्तन निदेशालय द्वारा राहुल गांधी, सोनिया गांधी और अन्य के खिलाफ नेशनल हेराल्ड धन शोधन मामले में अभियोजन शिकायत के बाद लगाया गया है।

खरगे ने एक एक्स पोस्ट में दावा किया कि भाजपा के नेतृत्व वाली सरकार का आर्थिक कुप्रबंधन नियंत्रण से बाहर हो रहा है। इस सरकार के पास कोई दृष्टि या समाधान नहीं है, वह महज अपनी गलतियों से ध्यान भटकाने का प्रयास कर रही है। भाजपा सरकार की विफलताओं को उजागर करने के लिए पांच महत्वपूर्ण तथ्य काफी हैं। उहोंने कहा कि व्यापार घाटा तीन साल के उच्चतम स्तर पर पहुंच गया है। टैरिफ और व्यापार युद्ध पर कोई स्पष्ट योजना नहीं है और समाधान की बजाय केवल खोखले शब्द और अनुत्पादक दौरे हुए हैं।

उन्होंने आरबीआई के मार्च 2025 के एक सर्वेक्षण का हवाला देते हुए कहा कि 90 प्रतिशत उपभोक्ताओं ने बताया कि कमोडिटी की कीमतें बढ़ गई हैं। परिणामस्वरूप, 80 प्रतिशत से अधिक ने कहा कि उनके खर्च में वृद्धि हुई है, भले ही आय में वृद्धि नहीं हुई। एफएमसीजी फर्मों की राजस्व वृद्धि वित्त वर्ष 25 में धीमी होकर केवल 5प्रतिशत रह गई, जबकि मार्जिन में कोई सुधार नहीं हुआ है। कांग्रेस अध्यक्ष ने दिसंबर 2024 तक ईंधन पर करों और शुल्कों के रूप में 39 लाख करोड़ रुपये एकत्र करने के लिए केंद्र सरकार की आलोचना की।

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