कैथल का पूर्व पार्षद चार लाख रुपये की रिश्वत के साथ रंगे हाथों गिरफ्तार

आरटीआई व सीएम विंडो में शिकायत के नाम पर वसूलता था पैसा

कैथल का पूर्व पार्षद चार लाख रुपये की रिश्वत के साथ रंगे हाथों गिरफ्तार

कैथल। एंटी क्रप्शन ब्यूरो की टीम ने वार्ड नंबर दस कैथल के पूर्व पार्षद कमल मित्तल को डीसी कैथल के नाम पर एक व्यापारी से चार लाख रुपये की रिश्वत लेते हुए रंगे हाथों गिरफ्तार किया है। कमल मित्तल ने शनिवार जिस व्यक्ति से चार लाख रुपये की रिश्वत ली थी। उसी व्यापारी से पहले भी पांच लाख 20 हजार रुपये ले चुका है। मगर आज उस व्यापारी ने एक सोची समझी रणनीति के तहत उसे चार लाख रुपये लेने के लिए एक होटल में बुलाया और उसकी सूचना उसने एंटी करप्शन ब्यूरो के अधिकारियों को भी दे दी। पूर्व पार्षद कमल मित्तल वार्ड 10 सेक्टर 19 का रहने वाला है। सूत्रों से मिली जानकारी अनुसार आरोपित आरटीआई और सीएम विंडो पर लिखित रूप से शिकायतें करता है और समझौता करवाने की एवज में पैसे वसूलता है। ब्यूरो की टीम इस बात की भी छानबीन कर रही है कि वह किन-किन अधिकारियों के संपर्क में रहा है और अब तक कितने रुपये लोगोंं से ऐंठ चुका है। कैथल निवासी व्यापारी संदीप गर्ग ने गत 18 मार्च को एंटी करप्शन ब्यूरो की टीम को शिकायत दी थी कि उसकी पुराने बस अड्डे के पास कुछ जमीन पडी हुई थी। जिस पर उसने दुकान बना ली।

दुकान बनाने के शिकायत कमल मित्तल ने नगर परिषद में दे दी कि यह नक्शा पास नहीं है। जिस पर विभाग ने इस दुकान को सील कर दिया तथा काफी समय तक यह दुकान सील रही और इसकी दुकान बंद रही। संदीप गर्ग ने आगे बताते हुए कहा कि उसकी दुकान को बनाने में काफी पैसा खर्च हो चुका था। मगर दुकान खुलने से पहले ही सील हो गई। इस सील को खुलवाने के लिए उसने पांच लाख 20 हजार रूपए कमल मित्तल को दिए और अधिकारियों ने उसकी दुकान की सील खोल दी। मगर उसके बावजूद भी कमल मित्तल ने सीएम विंडो पर दोबारा से शिकायत कर दी और आर टी आई भी लगा दी। जब कमल मित्तल से संदीप गर्ग ने दोबारा संपर्क साधा तो उसने पूछा कि अब तो मैने तुम्हे पूरे पैसे भी दे दिए हैं। फिर मेरी दोबारा शिकायत क्यों की। इस पर कमल मित्तल ने कैथल डीसी को 4 लाख रूपए और देने की बात कही और संदीप गर्ग से 4 लाख रूपए डीसी को देने की बात कही। उसे यह बात हजम नहीं हुई और उसे आशंका हुई कि अगर आज फिर से 4 लाख दे दिए तो यह फिर से शिकायत कर सकता है। इसलिए उसने एंटी करप्शन के अधिकारियों से संपर्क किया। जिस पर कमल मित्तल के बताए गए होटल में व्यापारी जैसे ही रूपए लेकर पहुंचा तो इंटी करप्शन ब्यूरो की टीम ने उसे धर दबोचा।

बता दें कि कमल मित्तल ने 2005 में नगर पार्षद का चुनाव लडा था जोकि सेक्टर 19 में रहता है। उसका वार्ड 10 था। उस समय वह पार्षद चुन लिया गया। इसके साथ साथ वह प्रापर्टी डीलर का काम भी करता था। जांच में खुलासा हुआ है कि उसने शहर के कई बडे डाक्टरों, व्यापारियों, मिठाई विके्रताओं, मार्बल विके्रताओं को अपने निशाना बनाया हुआ था तथा आर टी आई के नाम पर करीब 25 लाख रूपए लोगों से वसूल चुका है। जब इस विषय में डीसी प्रीति से बात की कई तो उन्होंने बताया कि अगर मेरे नाम पर कोई भी व्यक्ति पैसे की मांग करता है तो उसकी सूचना मुझे तुरंत दी जाए ताकि भ्रष्टाचार फैलाने वालों पर नकेल कसी जा सके। ऐसे लोगों के साथ सख्ती से पेश आया जाएगा तथा उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।

 

 

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