राजकोट में विधायक के खिलाफ बेनामी चिट्ठी से गरमाई राजनीति

अमरेली के बाद राज्य में एक और लेटर कांड की आशंका

राजकोट में विधायक के खिलाफ बेनामी चिट्ठी से गरमाई राजनीति

राजकोट। राजकोट जिले के धोराजी-उपलेटा विधानसभा क्षेत्र के विधायक महेन्द्र पाडलिया के विरुद्ध बेनामी चिट्ठी वायरल हुई है। इस चिट्ठी में उन पर भ्रष्टाचार को लेकर गंभीर आरोप लगाए गए हैं। विधायक ने इन सभी आरोपों को नकारते हुए इसकी शिकायत थाने में कर जांच कराने की मांग की है। राज्य में अमरेली के बाद एक बार फिर लेटर कांड चर्चा में है। इस बार आरोप भाजपा विधायक महेन्द्र पाडलिया पर लगाया गया है। बेनामी चिट्ठी में विधायक के विरुद्ध आरोपों में 2000 रुपये से लेकर 3000 रुपये तक की वसूली करने की गंभीर बात लिखी गई है। प्रशासन के पास से भी हप्ता वसूलने की बात कही गई है। चिट्ठी में उन पर पुलिस थाने, तहसीलदार, पीजीवीसीएल, तहसील विकास अधिकारी, डिप्टी कलेक्टर समेत अधिकारियों से रुपये लेने का आरोप लगाया गया है। पत्र में यह भी लिखा गया है कि रुपये उपलेटा सर्किट हाउस में पहुंचाया जाता है।

दूसरी ओर विधायक महेन्द्र पाडलिया ने इन सभी आरोपों को सिरे से खारिज किया है। उन्होंने कहा कि किसी ने तथ्यहीन चिट्ठी वायरल की है। इसके लिए उनकी प्रतिष्ठा और नाम बदनाम करने की साजिश रची गई है। उन्होंने कहा कि उनके क्षेत्र की तीनों नगर पालिका में जीत हुई है। जो लोग मेरे अच्छे काम को देख नहीं सकते है, उन्होंने ही मेरी प्रतिष्ठा को हानि पहुंचाने की कोशिश की है। उन्होंने कहा कि राजकोट पुलिस अधीक्षक को इस संबंध में शिकायत की है। विधायक ने आशंका जतायी कि इसमें पार्टी के अंदर का भी कोई हो सकता है।

अमरेली में हो चुका है फर्जी लेटर कांड
अमरेली जिले की पांचों विधानसभा सीटों और लोकसभा सीट पर भाजपा का कब्जा है। कभी कांग्रेस का गढ़ रहे अमरेली जिले को फतह करने के लिए भाजपा ने युवा नेता कौशिक वेकरिया पर दांव खेला था। वेकरिया को भाजपा ने पहले जिले का अध्यक्ष बनाया था। इसके बाद उन्हें अमरेली विधानसभा सीट से उम्मीदवार बनाया गया। वेकरिया वर्ष 2022 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस के दिग्गज नेता परेश धानाणी को हरा कर विधायक चुने गए थे। इस साल जनवरी में भाजपा के आंतरिक विवाद में अमरेली जिले के एक तहसील प्रमुख के नाम एक फर्जी चिट्ठी बनाई गई। इसमें वेकरिया पर हफ्ताखोरी के आरोप लगे थे। फर्जी चिट्ठी बनाने का आरोप पूर्व तहसील प्रमुख मनीष वगासिया पर लगा। इस मामले में पुलिस ने चार लोगों को गिरफ्तार किया था। इसमें वगासिया के दफ्तर में काम करने वाली पाटीदार समाज की पायल गोटी को भी गिरफ्तार किया है। पाटीदार समाज की लड़की को सार्वजनिक तौर घुमाने (कथित परेड) के मामले ने राजनीतिक रंग ले लिया था। इसके बाद राज्य के कई जिलों में इसका जमकर विरोध हुआ था।

 

 

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