मुआवजा वितरण में किये गए घोटाला और कोयला चोरी के मामले में केंद्रीय एजेंसियों से जांच की मांग
कोरबा।छत्तीसगढ़ राज्य के कोरबा जिले में एस.ई.सी.एल की दीपका एवं गेवरा कोयला खदान देश का दूसरा सबसे बड़ा कोयला खदान है। खदान का विस्तार हेतु ग्राम रलिया व मलगांव का भूमि अधिग्रहण किया जा रहा है। यहां एस.ई.सी.एल के जी.एम मोहंती एवं एसडीएम, तत्कालीन एस.डी.एम, वहां पदस्थ लिपिक बाबू मनोज गोबिल एवं जिला मुख्यालय में पदस्थ बड़े अधिकारियों और रलिया का हल्का पटवारी प्रधान एवं अन्य अधिकारियों की मिलीभगत से बड़ा मुआवजा घोटाला कर भ्रष्टाचार कर केंद्र सरकार को आर्थिक क्षति पहुंचाई गई है।इस संबंध में पूर्व् गृहमन्त्री ननकीराम कंवर ने केन्द्रीय कोयला मंत्री जी.किशन रेड्डी को लिखे पत्र में अनुरोध किया है कि कोरबा जिले के ग्राम रलिया और मलगांव में एस.ई.सी.एल के द्वारा अधिग्रहण कर मुआवजा वितरण में किये गए घोटाला और एस.ई.सी.एल गेवरा, दीपका, कुसमुंडा खदान से कोयला चोरी के मामले में केंद्रीय जाँच सी.बी, आई. / ई.डी से कराते हुए उनकी संपत्ति सीज करने की कार्रवाई करें। यह जाँच छत्तीसगढ़ राज्य सरकार के अधिकारियों से न कराकर केन्द्र सरकार की जाँच एजेंसी से केंद्रीय स्तर पर ई.डी. व सी.बी.आई से कराने की मांग की गईं है। श्री कंवर ने श्री रेड्डी को आश्वस्त किया है कि वे मुआवजा घोटाला व कोयला चोरी की जाँच में एजेंसी की मदद हेतु पूरा सहयोग प्रदान करेंगे।
इस तरह के गंभीर कार्य से केंद्र सरकार को काफी अधिक आर्थिक नुक्सान हुआ है। यदि प्रभावित ग्राम रलिया और मलगांव का सर्वे एम.बी. रिपोर्ट बुक व मुआवजा वितरण पत्रक की जांच की जाये तो उसमें स्पष्ट अंतर मिलेगा। जहां भी भूमि अधिग्रहण किया जा रहा है, वह श्यामू जायसवाल की भूमि कहाँ से मिल जाती है? यह जाँच का विषय है। इसी तरह मनोज गोबिल बाबु का ग्राम रलिया व मलगांव में घर नहीं है फिर भी घर का फर्जी मुआवजा बनाया गया है और मलगांव में अपने भाईयों एवं अन्य रिश्तेदारों के नाम पर मुआवजा बनवाया गया है। देवगांव में भी शासकीय भूमि का रजिस्ट्री किया गया है। कटघोरा में भी नजूल की भूमि में मनोज गोबिल व अपने अन्य रिश्तेदारों के नाम पर फर्जी ढंग से भूमि का पट्टा बनाया गया है जबकि नजूल की भूमि कलेक्टर के बिना आदेश व सहमति से रजिस्ट्री नहीं हो सकता है लेकिन हुआ है, जो जाँच का विषय है।
मौजूदा एसडीम का कई मौकों पर कहना है कि किसी भी तरह से कोई गड़बड़ी उनके द्वारा नहीं की गई है, वे भू विस्थापितों के हित में कार्य कर रहे हैं, आरोप व शिकायत निराधार है। वहीं दूसरी ओर श्यामू जायसवाल ने भी अपने आपको इन सब से दूर बताते हुए कहा है कि उन्होंने कोई भी फर्जी मुआवजा प्राप्त नहीं किया है।
जबकि ग्रामीणों ने शिकायत की है कि ग्राम रलिया में छोटे घरों को बड़ा घर बतलाकर करोड़ों-करोड़ रुपये का फर्जी मुआवजा बनाया गया है जबकि मलगांव में किसानो का मुआवजा में कटौती किया गया और फर्जी लोगों के नाम से फर्जी मुआवजा बनाया गया है। एक अधिकारी ने रायपुर जिले में भी अपने रिश्तेदारों के नाम से बेशकीमती जमीन खरीद किया गया है जिसकी जानकारी प्राप्त है। एस.ई.सी. एल के अधिकरियों से मिलीभगत कर मुख्य द्वार से गेवरा, दीपका, कुसमुंडा और सरईपाली से कोयला चोरी कुछ दलालों व ट्रांसपोटरों के माध्यम से कराया जाता है जिसे उत्तरप्रदेश में भेजकर खपाया जाता है। इसकी गहन जांच करने से मुआवजा घोटाला व कोयला चोरी में शामिल लोगों के विरुद्ध करीब खरीद रुपये का कोयला चोरी और कई करोड़ का फर्जी मुआवजा घोटाला प्रमाणित हो जायेगा।
पूर्व गृहमंत्री ननकीराम कंवर के द्वारा ऋचा सिंह तत्कालीन एस.डी.एम कटघोरा का कोयला चोरी और मुआवजा घोटाला से संबंधित शिकायत छत्तीसगढ़ सरकार से किया गया था।उनका स्थानांतरण छत्तीसगढ़ शासन’ने ‘कोरबा जिले ‘से’ हटाकर ‘जिला कोंडागांव में दिनांक 12/03/2024 के आदेश पर करने के बाद भी आखिरकार उन्हें 15/03/2024 को भारमुक्त करने का आदेश निकलने के बाद भी रिलीव नहीं किया गया ? गम्भीर आरोप है कि उन्हें कोरबा जिला मुख्यालय में रखकर भ्रष्टाचार का काम करवाया जा रहा है जबकि पूर्व में उनके विरुद्ध तहसीलदार रहते जमीन संबंधी भ्रष्टाचार करने के मामले में अपराध दर्ज हुआ है।एस.डी.एम के विरुद्ध कांग्रेस शासन काल में जमीन घोटाला संबंधी जाँच लंबित है, जाँच किया जाता है तो अरबों रुपये के कोयला चोरी व मुआवजा घोटाला में किये गए भ्रष्टाचार उजागर हो जायेगा।
0 जांच में सहयोग का वादा किया ननकीराम ने
इस संबंध में पूर्व् गृहमन्त्री ननकीराम कंवर ने केन्द्रीय कोयला मंत्री जी.किशन रेड्डी को लिखे पत्र में अनुरोध किया है कि कोरबा जिले के ग्राम रलिया और मलगांव में एस.ई.सी.एल के द्वारा अधिग्रहण कर मुआवजा वितरण में किये गए घोटाला और एस.ई.सी.एल गेवरा, दीपका, कुसमुंडा खदान से कोयला चोरी के मामले में केंद्रीय जाँच सी.बी, आई. / ई.डी से कराते हुए उनकी संपत्ति सीज करने की कार्यवाही करें। यह जाँच छत्तीसगढ़ राज्य सरकार के अधिकारियों से न कराकर केन्द्र सरकार की जाँच एजेंसी से केंद्रीय स्तर पर ई.डी. व सी.बी.आई से कराने की मांग की गईं है। श्री कंवर ने श्री रेड्डी को आश्वस्त किया है कि वे मुआवजा घोटाला व कोयला चोरी की जाँच में एजेंसी की मदद हेतु पूरा सहयोग प्रदान करेंगे।
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