सिरमौर : कांग्रेस ने बाबा साहेब और सरदार पटेल का हमेशा अपमान किया, मोदी ने सम्मान किया: जयराम ठाकुर
नाहन । सिरमौर में आयोजित बाबा साहेब सम्मान अभियान को संबोधित करते हुए नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि आजादी की लड़ाई के बाद देश के सामने दो प्रमुख चुनौतियां थी। पहली चुनौती 500 से ज्यादा रियासतों का विलय करना और दूसरी चुनौती देश को एक बेहतरीन संविधान देना जो हर देशवासी के सम्मान, स्वाभिमान और अधिकारों का संरक्षण कर सके तथा भारत को एक लोकतांत्रिक देश के रूप में आगे ले जा l सके। रियासतों को विलय करने का जिम्मा सरदार वल्लभभाई पटेल को मिला। देश के संविधान निर्माण का जिम्मा बाबा साहेब डॉ भीमराव आंबेडकर को। इन दोनों को यह जिम्मेदारी प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू के इच्छा के विपरीत मिली। जवाहरलाल नेहरू बाबा साहब को बिल्कुल भी पसंद नहीं करतेथे। उन्होंने हमेशा बाबा साहेब का अपमान किया। बाबा साहेब के जीते जी उन्हें सरकार से दूर रखने के हर प्रयास किया।
जय राम ठाकुर ने कहा कि बाबा साहेब को सम्मान तब मिला जब भारतीय जनता पार्टी के सहयोग से सरकार बनी। 1990 में उन्हें भारत रत्न मिला और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की कार्यकाल में बाबा साहेब से जुड़े स्मृतियों को पंच तीर्थ बनाकर उन्हें सच्ची श्रद्धांजलि अर्पित की गई। इसी तरह सरदार पटेल को सम्मान देने के लिए भाजपा सरकार ने उनका स्मारक बनाया।
उन्होंने कहा कि नरेंद्र मोदी ने दुनिया का सबसे विशाल "स्टैच्यू ऑफ यूनिटी" बनाकर उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की।जयराम ठाकुर ने कहा कि कांग्रेस के नेता पूरे देश में घूम-घूम कर संविधान बचाओ यात्रा चला रहे हैं और संविधान में खतरे है का नारा दे रहे हैं। जबकि हकीकत है कि संविधान दुनिया के सबसे मजबूत नेता नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में पूर्णतया सुरक्षित है और कांग्रेस पार्टी ही खतरे में है। जिस तरीके से चुनाव दर चुनाव कांग्रेस पार्टी का संविधान खतरे में है का झूठा नैरेटिव बेनकाब हुआ है और देश के लोगों ने उन्हें नकारा है। उससे यह साफ है कि आने वाले दिनों में कांग्रेस ढूंढे नहीं मिलेगी।
जयराम ठाकुर ने कहा कि बाबा साहेब का जीवन सामाजिक न्याय और समानता के हितों की रक्षा करते और शोषण के विरुद्ध लड़ते हुए बीता। बाबासाहेब आधुनिक भारत के सामाजिक न्याय के पुरोधा थे। देश के वंचित- शोषित समुदाय के हकों के लिए उन्होंने पूरी जिंदगी संघर्ष किया। बाबा साहेब के दिखाए गए रास्ते ही शोषण मुक्त, समानता और समरसता युक्त आदर्श समाज का निर्माण कर सकते हैं। उनका जीवन दर्शन और शिक्षाएं हमेशा लोगों का पथ प्रदर्शन करता रहेगा।
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