61 की उम्र में सात फेरे ले रहे दिलीप घोष के घर पहुंचे भाजपा नेता, दी शुभकामनाएं

61 की उम्र में सात फेरे ले रहे दिलीप घोष के घर पहुंचे भाजपा नेता, दी शुभकामनाएं

कोलकाता। पश्चिम बंगाल भाजपा के पूर्व अध्यक्ष दिलीप घोष 61 वर्ष की आयु में शुक्रवार को वैवाहिक बंधन में बंधने जा रहे हैं। विवाह से पहले सुबह न्यूटाउन स्थित उनके आवास पर बंगाल भाजपा के शीर्ष नेता पहुंचे और उन्हें शुभकामनाएं दीं। इस मौके पर प्रदेश अध्यक्ष सुकांत मजूमदार, सांसद लॉकेट चट्टोपाध्याय, ज्‍योतिर्मय सिंह महतो, संगठन नेता सुनील बंसल और बंगाल के प्रभारी और बिहार सरकार में मंत्री मंगल पांडे जैसे कई वरिष्ठ नेता मौजूद थे। सभी ने दिलीप घोष को फूल, मिठाई और पारंपरिक वस्त्र भेंट कर उन्हें शादी के लिए शुभकामनाएं दीं। दिलीप घोष की मां पुष्पलता देवी से मिलकर सुकांत मजूमदार ने पैर छूकर आशीर्वाद भी लिया। सुकांत ने कहा कि वह विवाह समारोह में शामिल नहीं हो पाएंगे क्योंकि उन्हें बालुरघाट लौटना है, लेकिन उन्होंने साफ किया कि पार्टी की ओर से इस शादी पर कोई आपत्ति नहीं है।

सुकांत बोले – 'शादी में आपत्ति कैसी?'
जब पत्रकारों ने पूछा कि क्या पार्टी को दिलीप घोष के विवाह पर कोई आपत्ति है, तो सुकांत मजूमदार ने मुस्कुराते हुए कहा, “बिल्कुल नहीं, शादी में आपत्ति कैसी? पहले भी कई नेताओं ने अधिक उम्र में शादी की है। दिलीप दा को हम सबने शुभकामनाएं दी हैं।” उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के प्रचारकों में दो तरह की व्यवस्थाएं होती हैं – कुछ प्रचारक संगठन में बने रहते हैं और शादी नहीं करते, जबकि जो राजनीति में सक्रिय भूमिका निभाते हैं, वे सामान्य जीवन जी सकते हैं। उन्होंने उदाहरण दिया – “लालकृष्ण आडवाणी भी प्रचारक थे, लेकिन बाद में उन्होंने पारिवारिक जीवन को अपनाया।”

विवाह का निर्णय मां के कहने पर लिया
शुक्रवार सुबह दिलीप घोष ने खुद मीडिया से बात करते हुए बताया, “इस जीवन में बहुत कुछ किया, लेकिन शादी का काम अब तक अधूरा था। मां हमेशा चाहती थीं कि मैं शादी करूं, अब उन्हीं की बात मानकर यह निर्णय लिया।” दिलीप की शादी की खबर गुरुवार शाम से ही राजनीतिक गलियारों में चर्चा का विषय बनी हुई थी। खासकर इसलिए क्योंकि वे लंबे समय से राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ से जुड़े रहे हैं और प्रचारक की जीवनशैली में रहते आए हैं। ऐसे में अब उनका गृहस्थ जीवन अपनाना चर्चा का विषय बना हुआ है।

दुल्हन हैं भाजपा की पुरानी कार्यकर्ता रिंकू मजूमदार
दिलीप घोष की होने वाली पत्नी रिंकू मजूमदार भाजपा की वरिष्ठ कार्यकर्ता हैं। उन्होंने पार्टी के महिला मोर्चा, ओबीसी मोर्चा और हथकरघा प्रकोष्ठ में भी सक्रिय भूमिका निभाई है। रिंकू तलाकशुदा हैं और उनका एक बेटा है जो आईटी सेक्टर में काम करता है। सूत्रों के मुताबिक, जब लोकसभा चुनाव में दिलीप घोष को हार का सामना करना पड़ा था, तब रिंकू ने उन्हें साथ जीवन बिताने का प्रस्ताव दिया था। शुरुआत में घोष ने इनकार किया, लेकिन बाद में अपनी मां के आग्रह पर उन्होंने शादी का फैसला लिया।

निजी समारोह में सात फेरे
शुक्रवार देर शाम दिलीप घोष और रिंकू मजूमदार न्यूटाउन स्थित दिलीप घोष के आवास पर एक सादे पारिवारिक समारोह में विवाह के बंधन में बंधेंगे। इस शादी में सिर्फ करीबी लोगों और परिवारजन शामिल होंगे। दिलीप घोष की मां पहले से ही शादी की तैयारी के लिए कोलकाता आ चुकी हैं और मेदिनीपुर से अन्य रिश्तेदार भी शुक्रवार सुबह पहुंच चुके हैं। राजनीति में अपने सख्त तेवर और बेबाक अंदाज के लिए पहचाने जाने वाले दिलीप घोष की इस नई पारिवारिक पारी पर तृणमूल कांग्रेस के नेताओं ने भी शुभकामनाएं दी हैं। कुणाल घोष और देबांग्शु जैसे टीएमसी नेताओं ने तंज के स्वर में ही लेकिन ट्वीट कर दिलीप को नए जीवन के लिए बधाई दी। यह पूछे जाने पर कि क्या शादी के बाद उनकी राजनीतिक सक्रियता पर कोई असर पड़ेगा, दिलीप घोष ने स्पष्ट कहा, “बिलकुल नहीं। राजनीति पहले की तरह ही चलती रहेगी। अब बस जीवन में एक नया अध्याय जुड़ गया है। मेरी पत्नी भी पार्टी की नेता हैं, इसलिए किसी प्रकार की दिक्कत नहीं होगी।”

 

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