मुर्शिदाबाद में 3 दिन बाद हालात सामान्य, आरोप में हुईं 210 गिरफ्तारी
19 विस्थापित परिवार वापस लौटे
- अभी तक हिंसा में शामिल होने के आरोप में हुईं 210 गिरफ्तारी
- बीएसएफ के डीआईजी ने बयां की उपद्रवियों की हरकत
- पश्चिम बंगाल में राष्ट्रपति शासन के तहत हों 2026 का विधानसभा चुनाव: शुवेंदु अधिकारी
कोलकाता। वक्फ कानून को लेकर भड़की हिंसा से प्रभावित पश्चिम बंगाल के मुर्शिदाबाद जिले में स्थिति धीरे-धीरे सामान्य होती जा रही है। राज्य पुलिस के अतिरिक्त महानिदेशक (कानून-व्यवस्था) जावेद शमीम ने सोमवार को बताया कि इलाके में दुकानें खुलने लगी हैं और हिंसा के बाद विस्थापित हुए परिवार अब लौटना शुरू कर चुके हैं। उन्होंने कहा कि अब तक 19 परिवार अपने घर वापस आ चुके हैं। मालदा और मुर्शिदाबाद जिलों की प्रशासनिक टीमें मिलकर यह सुनिश्चित कर रही हैं कि जो लोग हिंसा के डर से पलायन कर गए थे, उनकी सुरक्षित वापसी हो सके। उन्होंने अफवाहों को रोकने की आवश्यकता पर जोर दिया और कहा कि शांति बहाली के लिए यह बेहद जरूरी है कि लोग किसी भी अपुष्ट सूचना पर विश्वास न करें। अब तक कुल 210 लोगों को गिरफ्तार किया गया है।
उन्होंने जनता से अपील की कि अफवाहों पर ध्यान न दें और केवल आधिकारिक सूचना पर ही विश्वास करें।अतिरिक्त महानिदेशक ने बताया कि बीते दिनों हुई हिंसा के मामले में एक ही परिवार के पिता और पुत्र की निर्मम हत्या के मामले में अलग से मुकदमा दर्ज होगा। इस घटना में शामिल सभी दोषियों और मूकदर्शक रहे लोगों को भी कानून के दायरे में लाया जाएगा। उधर पुलिस ने सोमवार सुबह से ही प्रभावित इलाकों में लाउडस्पीकर के जरिए दुकानदारों से अपने प्रतिष्ठान खोलने की अपील की और आम नागरिकों को सामान्य जीवन में लौटने के लिए प्रोत्साहित किया।
बीएसएफ के दक्षिण बंगाल फ्रंटियर के डीआईजी और पीआरओ नीलोत्पल कुमार पांडे ने कहा कि जवानों के पहुंचने पर अराजक तत्वों ने हमारे खिलाफ जैसे युद्ध छेड़ दिया। हमारी पेट्रोलिंग पार्टी पर ईंट-पत्थरों के साथ पेट्रोल बम फेंके गए। हमला करने वाले वही लोग हैं, जो इलाके में लगातार कानून व्यवस्था को चुनौती दे रहे हैं।उन्होंने बताया कि हालांकि इस हमले में किसी भी बीएसएफ जवान के गंभीर रूप से घायल होने की सूचना नहीं है। भारी पथराव में कुछ जवानों को मामूली चोटें आई हैं। स्थिति की गंभीरता को देखते हुए बीएसएफ ने सुसूतिया और शमशेरगंज पुलिस थाना क्षेत्र सहित आसपास के संवेदनशील इलाकों में अपनी उपस्थिति बढ़ा दी है। मुर्शिदाबाद में हाल ही में भड़की हिंसा को लेकर प्रदेश में कानून-व्यवस्था की स्थिति पर सोमवार को नेता प्रतिपक्ष शुवेंदु अधिकारी ने सवाल उठाए।
उन्होंने कहा कि राज्य सरकार आम नागरिकों की सुरक्षा सुनिश्चित करने में पूरी तरह विफल रही है। वर्ष 2026 में होने वाले पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव राष्ट्रपति शासन के तहत कराए जाने चाहिए। पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव अगले वर्ष अप्रैल-मई में होने हैं। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार मूक दर्शक बनी रही, जबकि भीड़ ने कई इलाकों में जमकर उत्पात मचाया। जहां भी हिंदू अल्पसंख्यक हैं, वहां उन्हें मतदान से रोका जाता है। पुलिस सत्तारूढ़ पार्टी की कैडर की तरह काम कर रही है।
इसलिए निष्पक्ष और स्वतंत्र चुनाव तभी संभव हैं, जब राज्य में राष्ट्रपति शासन लागू किया जाए। आरोप लगाया कि हाल की हिंसा के पीछे जिहादी तत्व सक्रिय हैं, जिन्हें खुली छूट दी गई है। उन्होंने चुनाव आयोग से आग्रह किया कि वह स्थिति की गंभीरता को देखते हुए राष्ट्रपति शासन की सिफारिश पर विचार करे।
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