लोहिया संस्थान में 12वें वार्षिक न्यूज़लेटर का विमोचन

अपडेट्स इन क्लिनिकल एंड डायग्नोस्टिक वायरोलॉजी पर चर्चा

लोहिया संस्थान में 12वें वार्षिक न्यूज़लेटर का विमोचन

लखनऊ। वायरस संक्रमण विश्व में आम है एवं यह विश्व में उभरते हुए अन्य संक्रमण का कारण भी है। स्वास्थ्य प्रणाली में नैदानिक तस्वीर और डायग्नोस्टिक एल्गोरिथ्म के बारे में जागरूकता की आवश्यकता है ताकि वायरस की पहचान की जा सके जो न केवल समुदाय में अज्ञात बुखार का कारण बनता है बल्कि बचपन और आईसीयू संक्रमण का प्रमुख कारण भी है। ये बातें प्रो. सी.एम. सिंह ने कही।

सोमवार को विश्व स्वास्थ्य दिवस और माइक्रोबायोलॉजी विभाग, डॉ. आरएमएलआईएमएस,लखनऊ द्वारा 12वें वार्षिक न्यूज़लेटर विमोचन के अवसर पर “अपडेट्स इन क्लिनिकल एंड डायग्नोस्टिक वायरोलॉजी ” विषय पर एक सीएमई का आयोजन किया गया। सीएमई का लक्ष्य चिकित्सकों,माइक्रोबायोलॉजिस्ट,कम्युनिटी मेडिसिन और रेजिडेंट्स व मेडिकल छात्रों के लिए है।

केजीएमयू के माइक्रोबायोलॉजी विभाग की प्रमुख और डीन एकेडमिक  प्रोफेसर अमिता जैन रहीं, जो केजीएमयू  के वायरल रिसर्च एंड डायग्नोस्टिक लैबोरेटरीज की नोडल अधिकारी भी हैं। उन्होंने  “एक्यूट इंसेफेलाइटिस सिंड्रोम” पर अपने विचारों से श्रोताओं को अवगत कराया  और इंसेफेलाइटिस के मुख्य कारण के रूप में वायरस पर जोर दिया । उनके व्याख्यान के बाद ‘वायरल एसोसिएटेड ट्रॉपिकल फीवर ’, “कॉमन वायरल इंफेक्शंस इन आईसीयू” और “वायरल इंफेक्शन” पर दिलचस्प बातचीत हुई।

प्रसिद्ध वक्ताओं द्वारा ‘बच्चों में वायरल संक्रमण’ क्रमशः डॉ. अतुल गर्ग, एडिशनल  प्रोफेसर, माइक्रोबायोलॉजी विभाग, एसजीपीजीआई, डॉ. साई सरन, एसोसिएट प्रोफेसर, क्रिटिकल केयर विभाग, एसजीपीजीआई और डॉ. के.के. यादव, एडिशनल  प्रोफेसर, बाल रोग विभाग, डॉ. आरएमएलआईएमएस द्वारा बताया गया।

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