चारबाग बस अड्डे से कानपुर तक मौत का सफर 150 में...!
प्राइवेट सीएनजी कार वालों ने बस स्टेशन के ठीक सामने बनाया अवैध ठिकाना
रवि गुप्ता
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प्रमुख बस स्टेशन, नाका पुलिस स्टेशन, ट्रैफिक चौराहा मगर कोई रोकटोक नहीं
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कारों में जानवरों की तरह भरते हैं सवारियां, रोडवेज बसों के सामने चलता कारनामा
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लखनऊ-कानपुर रेलखंड पर चल रहा काम, रूट पर ट्रेनें कम, मजबूरी को रहे भुना
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लखनऊ-कानपुर हाईवे पर बिछ रहा फ्लाईओवर का जाल, सफर बना जी का जंजाल
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परिवहन प्रवर्तन टीमों का डंडा ई रिक्शा-ऑटो-टैंपो पर, ऐसे सीएनजी कारों को खुली छूट
लखनऊ। सोमवार सुबह के करीब 11 बजे, स्थान चारबाग स्टेशन सरकुलेटिंग एरिया से बाहर का सड़क मार्ग जहां पर एक तरफ लखनऊ जंक्शन की बाहरी दीवारों से लगे तमाम खानपान की अस्थायी दुकानें लगी हैं, तो वहीं दूसरी तरफ सड़क पार शहर का सबसे पुराना और प्रमुख चारबाग बस स्टेशन है। वहां से बसें कानपुर आदि रूटों के लिये बाहर निकल रहीं थीं, और सड़क किनारे कंडक्टर आदि सवारियों को पुकार रहे थे...गर्मी का पारा अपने रिकॉर्ड स्तर पर जा रहा था, वहीं उक्त दुकानों के पास ही कुछ एक दर्जन लोगों ने बेंच लगा रखी थी और बिना किसी रोकटोक के जोर-शोर से कानपुर, कानपुर की आवाज़ें लगा रहे थे।
ऐसे में कुछ लोग न चाहते हुए और कुछ यात्री बाहरी होने के नाते वहां की परिवहन व्यवस्था नहीं समझ पाये और अमुक ऐसे अवैध सीएनजी प्राइवेट कारों के अंदर जल्दीबाजी के चक्कर में जा बैठे। तरूणमित्र टीम ‘सेल्फ डिफेंसिव’ होते हुए सारे वाकये को अपने कैमरे में कैद कर रही थी और फोटोज़ भी बनाये जा रहे थे, जिस पर वहां कुछ लोगों ने रोकना-टोकना भी शुरू कर दिया। चूंकि मामला राजधानी की परिवहन सुविधा, यात्रियों की सुरक्षा और सड़क संरक्षा का था, ऐसे में काफी देर तक सारा नाटक देखा गया।
वहीं चारबाग में जब कुछ पुराने ट्रांसपोर्टरों व वाहन चालकों से बात की गई तो उन्होंने बताया कि, भाई साब, एक तो लखनऊ-कानपुर रेल लाइन पर ब्रिज के पहले काम चल रहा है ऐसे में इस रूट की ज्यादातर ट्रेनें कैंसिल या फिर डायवर्ट हैं, दूसरे इस हाईवे पर आगे फ्लाईओवर का जाल बनाया जा रहा है ऐसे में जो भी रोडवेज या अनुबंधित बसें आती-जाती हैं, लखनऊ-कानपुर सड़क मार्ग का सफर यात्रियों के लिये जी का जंजाल बन चुका है...बस कुछ इन्हीं प्रमुख समस्याओं का बेजां फायदा ऐसे अवैध कार वाले उठाते हैं, चूंकि लखनऊ-कानपुर चाहे रेल या फिर रोड रूट हो, हमेशा से ही इस पर यात्रियों का आवागमन रोजाना काफी संख्या में होता है। जबकि इस समय सीएम योगी के सख्त आदेश पर राजधानी सहित पूरे प्रदेश में केवल ई रिक्शा, ई ऑटो, टैंपो आदि के अनधिकृत संचालन को लेकर चेकिंग अभियान चल रहा है, जबकि ऐसे अवैध सीएनजी कार वालों को लगता है पूरी तरह छूट दे दी गई है।
‘हाईड्रोलिक टेस्टिंग’ जरूरी, अन्यथा ‘आग का गोला’ बनना...!
चारबाग क्षेत्र में जहां-तहां फैले ये प्राइवेट कार वाले, जिनमें ज्यादातर यूपी-78 नंबर की थीं, प्रति सवारी 150 रुपये वसूले जा रहे थे। वहां पर बकायदा कुछ रजिस्टर पर भी विवरण भरा जा रहा था, और कुछ लोग आपस में हिसाब-किताब की भी बातें कर रहे थे। वहीं इस बाबत जब पब्लिक ट्रांसपोर्ट सर्विसेज से जुड़े जानकारों से बातचीत की गई तो उनका साफ तौर पर यही कहना रहा कि भाई जी, अप्रैल के शुरुआत में ही गर्मी बढ़ती जा रही है, ऐसे में जो भी सीएनजी कारें-वाहन होते हैं, उनकी नियमित चेकिंग होती है...‘हॉईड्रोलिक टेस्टिंग’ होती है जिसमें देखा जाता है कि सीएनजी गैस टंकी की मापन व वहन क्षमता कितनी है, कोई लिकेज तो नहीं है।
आगे यह भी कहा कि अक्सर गर्मी के दिनों में देखने में आता है कि चलते-चलते सीएनजी गाड़ियां आग के गोले में तब्दील हो गई, या पार्किंग में सड़क किनारे खड़ी ऐसी कारों में अचानक धुंआ उठने लगा, इसकी वजह यही सब है।
ऐसे में चारबाग बस स्टेशन के सामने से जो इस तरह से अवैध परिवहन के ट्रैक पर ऐसी प्राइवेट सीएनजी कारें बिना किसी अधिकृत सिस्टम के सवारियां उठा रही हैं, तो उसकी जिम्मेदारी कौन लेगा, क्या उनकी सीएनजी गाड़ियां पूरी तरह फिट हैं, सीएनजी किट दुरूस्त है, ऐसे में यही कहा जा सकता है कि ये तो एक तरह से राजधानी लखनऊ से कानपुर तक का अकस्मात मौत का सफर ही कहा जा सकता है।
...जब सवारियों ने कूदकर बचाई थी जान!
बीते वर्ष कानपुर के घाटमपुर में चलती वैन में शार्ट-सर्किट होने से अचानक आग लग गई। देखते ही देखते वैन आग के गोले में तब्दील हो गई। वैन में बैठी 9 सवारियों ने कूदकर किसी तरह अपनी-अपनी जान बचाई है। वैन कानपुर से सवारियां लेकर घाटमपुर आ रही थी।
सूचना पर पहुंची फायर ब्रिगेड की टीम ने कड़ी मशक्कत से आग पर काबू पाया, लेकिन वैन पूरी तरह जलकर राख हो गई थी। वहीं बीते 17 फरवरी को कानपुर नौबस्ता क्षेत्र में चलती वैन आग का गोला बन गई थी। आग लगाने से हड़कंप मच गया था। राहगीरों ने पुलिस व फायर बिग्रेड को सूचना दी। शार्ट सर्किट से आग लगने की संभवना जताई जा रही। फायर बिग्रेड ने मौके पर पहुंचकर कड़ी मशक्कत कर आग पर काबू पाया। हालांकि आग से किसी प्रकार की कोई जनहानि नहीं हुई है। t
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