खेल स्थल को पंडित दीनदयाल उपाध्याय खेल गांव घोषित किया गया
खेल गांव में सजेगा खेल महासमर, तिरंगा होगा थीम
अंबेडकर नगर।आगामी 20 से 24 अप्रैल तक आयोजित होने वाले खेल महासमर का इंतजार खेल प्रेमियों को बेसब्री से है। इस बीच, जिलाधिकारी व आयोजन अध्यक्ष अविनाश सिंह ने एक महत्वपूर्ण घोषणा करते हुए खेल स्थल, खिलाड़ियों के आवास और संपूर्ण परिसर को पंडित दीनदयाल उपाध्याय खेल गांव के नाम से संबोधित करने का ऐलान किया। यह नामकरण चैंपियनशिप की समाप्ति तक जारी रहेगा। इस कदम का खिलाड़ियों, खेल संघों और स्थानीय लोगों ने उत्साहपूर्वक स्वागत किया है।
जिलाधिकारी ने खेल आयोजन की तैयारियों को अंतिम रूप देने के लिए सभी संबंधित अधिकारियों के साथ बैठक की। इस दौरान अब तक की तैयारियों की समीक्षा की गई और अधिकारियों को हर छोटे-बड़े पहलू पर बारीकी से ध्यान देने के निर्देश दिए गए। उन्होंने कहा, "कार्यक्रम अब नजदीक है, तैयारियां लगभग पूरी हो चुकी हैं। खिलाड़ी हमारे अतिथि हैं, उनकी सुविधाओं का विशेष ध्यान रखा जाए।"
तिरंगे की थीम से सजेगा खेल गांव
राष्ट्रीय हैंडबॉल प्रतियोगिता के लिए नामित खेल गांव राष्ट्रवाद की भावना से सराबोर होगा। आयोजन स्थल से लेकर खिलाड़ियों के ठहरने के स्थान तक, हर जगह तिरंगा थीम की छटा बिखरेगी। यह अनूठी सजावट खेल गांव को और आकर्षक बनाएगी, जो खिलाड़ियों और दर्शकों में जोश और उत्साह का संचार करेगी।
आयोजन की तैयारियां जोरों पर
मुख्य विकास अधिकारी (सीडीओ) आनंद कुमार शुक्ल ने आयोजन को और बेहतर बनाने के लिए विभिन्न बिंदुओं पर प्रकाश डाला। अपर जिलाधिकारी ने सभी तैयारियों की बिंदुवार जानकारी दी। आयोजन सचिव डॉ. हनुमान प्रताप सिंह ने बताया कि पहले दिन पूजन-अर्चन के साथ खेलों का शुभारंभ होगा। इसके बाद दोनों पालियों में प्रतियोगिताएं आयोजित होंगी, जिसमें एक मैदान रात्रिकालीन खेलों के लिए भी तैयार किया गया है।
बैठक में अपर जिलाधिकारी (न्यायिक) रंजीत सिंह, जिला विकास अधिकारी सुनील तिवारी, परियोजना निदेशक अनिल कुमार सिंह, सभी उपजिलाधिकारी, तहसीलदार और नोडल अधिकारी मौजूद रहे।
खिलाड़ियों में उत्साह, आयोजन की सफलता की कामना
पंडित दीनदयाल उपाध्याय खेल गांव के नामकरण और तिरंगा थीम ने खिलाड़ियों में एक नया जोश भर दिया है। यह आयोजन न केवल खेल प्रतिभाओं को मंच प्रदान करेगा, बल्कि राष्ट्रीय एकता और उत्साह का भी प्रतीक बनेगा। जिलाधिकारी के नेतृत्व में सभी अधिकारी इस महासमर को ऐतिहासिक बनाने के लिए दिन-रात जुटे हैं।
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