पहलगाम हमले के बाद 175 संदिग्ध हिरासत में

 हंदवाड़ा में तहरीक-ए-हुर्रियत के खिलाफ बड़ा एक्शन

पहलगाम हमले के बाद 175 संदिग्ध हिरासत में

  • तहरीक-ए-हुर्रियत संगठन पर है प्रतिबंध
  • सीमावर्ती गांवों और कस्बों में बंकर ठीक कर रहे लोग
  • आतंकियों के सहयोगियों के तीन और घरों को किया गया ध्वस्त

श्रीनगर। जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकवादी वारदातों के बाद सुरक्षा बल पूरी तरह से एक्शन में हैं। शनिवार को हंदवाड़ा पुलिस ने प्रतिबंधित संगठन तहरीक-ए-हुर्रियत से जुड़े मामलों की जांच के लिए जिले में कई स्थानों पर तलाशी अभियान चलाया जा रहा हैं। गैरकानूनी गतिविधियां (रोकथाम) अधिनियम के तहत पुलिस थाना हंदवाड़ा में एफआईआर के तहत यह तलाशी अभियान किया गया। वहीं संगठन के सदस्यों की गतिविधियों और उनके प्रतिबंधों के बावजूद जारी आपराधिक संलिप्तता को लेकर पुलिस को पुख्ता जानकारी मिली। केंद्र सरकार ने 2023 में तहरीक-ए-हुर्रियत को प्रतिबंधित किया था।

साथ ही, पहलगाम हमले के बाद सुरक्षाबलों ने अनंतनाग जिले में व्यापक तलाशी अभियान चलाया है। जिसमें अब तक लगभग 175 संदिग्धों को गिरफ्तार किया गया है। इन सभी से सुरक्षा एजेंसियां गहन पूछताछ कर रही हैं। प्रशासन ने कहा कि देश की सुरक्षा और कानून व्यवस्था को बनाए रखने के लिए ऐसे प्रयासों को और तेज किया जाएगा। वहीं दूसरी तरफ जम्मू-कश्मीर के सीमावर्ती गांवों और कस्बों में तनाव बढ़ रहा है। खासकर पहलगाम आतंकी हमले के बाद। सुरक्षा एजेंसियां हाई अलर्ट पर हैं। हमले से बचने के लिए बनाए गए बंकरों को लोग साफ कर सजा रहे हैं।  

परगवाल में पहली बार बाजार में सेना ने जगह-जगह नाके लगाए हैं। ग्राम सुरक्षा समितियां फिर से सक्रिय हो गई हैं। लोग स्वत:स्फूर्त ढंग से किसी भी तरह की आपात स्थिति के लिए तैयार हो रहे हैं। वे चौकस हैं पर भयभीत नहीं। सेना ने भी एक माह का राशन जमा करना शुरू कर दिया है। जम्मू-कश्मीर सरकार ने पहलगाम हमले के बाद दक्षिण कश्मीर के पुलवामा, शोपियां और कुलगाम में लश्कर-ए-तैयबा आतंकवादियों के संदिग्ध तीन सहयोगियों के घरों को ध्वस्त कर दिया।

इसके साथ ही पिछले 24 घंटों में ध्वस्त किए गए घरों की कुल संख्या पांच हो गई। ताजा कार्रवाई में पुलवामा के अहसान शेख, शोपियां के शाहिद अहमद कुट्टे और कुलगाम के जाहिद अहमद का घर जमींदोज कर दिया गया।अधिकारियों के अनुसार, अहसान ने पहलगाम हमले में पाकिस्तानी आतंकवादियों को रसद और प्रत्यक्ष सहायता भी प्रदान की थी। कुट्टे और अहमद पर पिछले 3-चार वर्षों से राष्ट्र-विरोधी गतिविधियों में शामिल होने का आरोप है।

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