तीन दिवसीय श्री हरि कथा का आयोजन
लखनऊ। दिव्य ज्योति जाग्रति संस्थान द्वारा वृंदावन योजना, सेक्टर 1B, ओल्ड लखनऊ पब्लिक स्कूल के पास, डेंटल हॉस्पिटल के पीछे, रायबरेली रोड पर चल रहे त्रिदिवसीय श्री हरि कथा महोत्सव के दूसरे दिन श्रद्धालुओं की भारी भीड़ उमड़ी।
कार्यक्रम का संचालन संस्थान की प्रचारिका साध्वी सुदेशना भारती जी ने किया। उन्होंने भक्त नारद जी के जीवन प्रसंगों के माध्यम से समाज में भक्ति के महत्व को उजागर किया। साध्वी जी ने कहा, “आज का मनुष्य केवल भौतिक सुख-सुविधाओं की ओर भाग रहा है, जिससे उसका मानसिक और सामाजिक संतुलन प्रभावित हो रहा है। जहां पहले संयुक्त परिवारों का चलन था, आज वहां एकल परिवारों की प्रवृत्ति देखने को मिल रही है। इसका परिणाम तनाव, चिंता और अवसाद के रूप में सामने आ रहा है।”
उन्होंने आगे कहा कि प्रभु भक्ति से जुड़ा जीवन न केवल शांत और सहज होता है, बल्कि समाज को भी एक सकारात्मक दिशा प्रदान करता है। भक्ति प्राप्त करने के लिए आवश्यक है कि हम सबसे पहले ईश्वर को जानें। रामचरितमानस के दोहों के माध्यम से उन्होंने स्पष्ट किया। "जानें बिनु न होइ परतीती । बिनु परतीति होइ नहि प्रीती ॥ प्रीति बिना नहि भगति दृढ़ाई । जिमि खगपति जल कै चिकनाई॥
"कार्यक्रम में साध्वी अंबिका भारती और साध्वी शालिनी भारती जी द्वारा प्रस्तुत सुमधुर भजनों ने श्रोताओं को भक्ति भाव से भावविभोर कर दिया। पूरा वातावरण संगीतमय भक्ति रस से सराबोर हो गया। स्थानीय निवासियों ने कार्यक्रम में उत्साहपूर्वक भाग लिया और संस्थान के प्रयासों की सराहना की। संयोजिका साध्वी ऋतू भारती ने बताया कि यह आयोजन न केवल आध्यात्मिक उन्नति का माध्यम है, बल्कि समाज में नैतिक मूल्यों और मानवीय संवेदनाओं को पुनर्स्थापित करने का एक प्रयास भी है।
टिप्पणियां