पक्का पुल बनवाने को व्यापारियों ने सासंद को सौंपा पत्र
पुल नहीं बनने से बारिश में 15 किमी घूमकर आना-जाना पड़ता था
- रक्षामंत्री के संज्ञान पर योगी सरकार ने बनवाने को जारी किये 14 करोड़
लखनऊ। भारतीय उद्योग किसान व्यापार मंडल के प्रदेश अध्यक्ष व भाजपा नेता अजय त्रिपाठी "मुन्ना" अपने साथी लखनऊ मार्बल डीलर्स एसोसिएशन, लखनऊ के अध्यक्ष/ वरिष्ठ व्यापारी नेता मनोज अग्रवाल, रितेश गुप्ता, हिमांशु सिंह, राम शरण पाठक,होरी लाल लोधी, ताज खान,रश्मि घीरिया, मांडवी पाण्डेय ,सीताराम जायसवाल, जय प्रकाश सिंह, पूर्व पार्षद अजय अवस्थी "बन्टी" के साथ पुराने लखनऊ को फैजुल्लागंज से जोड़ने वाले गोमती नदी पर बने पीपे वाले पुल की जगह पक्का पुल बनाए जाने की स्वीकृति दिलाए जाने पर रक्षामंत्री व लखनऊ के सासंद राजनाथ सिंह का आभार व्यक्त करने नई दिल्ली स्थित उनके आवास पर पहुंचे।
व्यापारी नेता मुन्ना" ने बताया कि पीपे वाले पुल की जगह पक्का पुल बनाए जाने की मांग क्षेत्रवासियों के द्वारा पिछले कई वर्षों से की जा रही थी लेकिन क्षेत्रवासियों की आवाज को कोई नही सुन रहा था। राजधानी लखनऊ में होने के बावजूद इस पीपे वाले पुल पर किसी भी जनप्रतिनिधि की नजर नही पड़ रही थी। पिछले कई वर्षो से लगातार इस मूलभूत समस्या के समाधान के लिए हम सभी लोग मिल कर प्रयास करते रहे।
जानकीपुरम के अटल चौराहे से खदरा-हुसैनाबाद- ठाकुरगंज-बालागंज -दौलतगंज- काशी बिहार होते हुए पीपे वाले पुल तक तीन किलोमीटर की सैकड़ो साथियों के साथ पदयात्रा की गई। समय- समय पर जिला प्रशासन,तत्कालीन पीडब्लूडी मंत्री से मुलाकात करके पीपे वाले पुल की जगह पक्का पुल बनाए जाने की लगातार मांग की गई। पुराने लखनऊ के गऊ घाट पर बने पीपे वाले पुल से प्रत्येक दिन हजारो लोगो आवागमन होता रहता है। बरसात के दिनों मे तीन से चार महीने के लिए पीपे वाले पुल को नदी से हटा दिया जाता है, जिसकी वजह से क्षेत्रवासियों को इस पार से उस पार जाने के लिए लगभग 15 किमी घूमकर आना-जाना पड़ता है।
बताया कि रक्षा मंत्री तत्काल अपने विशेष कार्याधिकारी केपी सिंह से बोले कि तत्काल इस पीपे वाले को भी अन्य पुलों की भांति बनवा दिया जाए जिसके तहत योगी सरकार ने पीपे वाले पुल की जगह पक्का पुल बनाए जाने के लिए न केवल 55 करोड़ रूपए स्वीकृत किए बल्कि तत्काल काम प्रारम्भ करने के लिए 14 करोड़ रूपए जारी भी कर दिए।
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